real ghost story

मित्रो मेरा नाम पीयूष पाटनी है और मै मध्यप्रदेश के बुहरानपुर जिले का रहने वाला हु | आज जो मै आपको घटना Real Horror Story in Hindi सुनाने जा...

मित्रो मेरा नाम पीयूष पाटनी है और मै मध्यप्रदेश के बुहरानपुर जिले का रहने वाला हु | आज जो मै आपको घटना Real Horror Story in Hindi सुनाने जा रहा हु उस पर आप शायद यकीन नहीं कर पायेंगे लेकिन ये मेरे साथ घटी बिलकुल सत्य घटना है | हमारे यहा  एक प्राचीन रहस्यमयी किला है जो असीरगढ़ किले के नाम से जाना जाता है | एक दिन मै और मेरे दोस्तों ने उस किले में घुमने का प्लान बनाया | हम शाम को 6 बजे वहा पहुचे | हम जब उस किले के द्वार पर पहुचे तो वहा ताला लगा हुआ था क्यूंकि शाम 5 बजे के बाद यह द्वार बंद हो जाता है और कोई भी यहा नहीं आता | उस किले के पास मै और मेरे दो दोस्तों के अलावा कोई नहीं था |
Real Horror Story in Hindiअब हमने सोचा कि इतनी दूर आये और बिना किला देखकर जायेंगे तो बहुत दुःख होगा | फिर हमने देखा कि गेट के पास में एक दीवार पर से किले के अंदर जाने का थोडा सा रास्ता था | हम तीनो उस रास्ते से किले के अंदर चले गए | अब हम किले में घुमने लग गये | वो किला काफी साल पुराना था और हमे ये किला देखकर टीवी में आने वाले सीरियल की याद आ गयी |  हम बाते करते हुए आगे बढ़ रहे थे | ऐसे घूमते घूमते हम एक बंद अँधेरे हिस्से  में जा पहुचे जो दो मंजिला था | मै छत पर चढ़ गया और मेरे दोनों मित्र नीचे घूम रहे थे |
Asirgarh Fort (3)उपर छत जब एक अँधेरे कमरे में पंहुचा तो मुझे किसी के रोने की आवाज़ सुनाई दी तो मै थोडा घबरा गया | जब हिम्मत करके आगे बढ़ा तो मेरे सामने एक बुढी औरत कोने में बैठी रो रही थी | मेरे पसीने छुटने लगे मैंने वहा से निकलने का विचार किया लेकिन फिर हिम्मत करके उस औरत की तरफ बढ़ा और उससे पूछा “माई , इतने अँधेरे किले में आप क्या कर रही हो औरे क्या यहा डर नहीं लगता ” | लेकिन वो औरत थोड़ी देर चुप रही और फिर बोली “क्या तुम मुझे सुन सकते हो ” | मैंने डरते हुए कहा “हाँ मै तुम्हे सुन भी सकता हु और देख भी सकता हु ” | फिर उस औरत ने कहा कि “कई सालो से इस किले में मै मदद की गुहार लगा रही हु लेकिन कोई यहा नहीं सुनता और आज तुमने सुना ” |
Asirgarh Fort (2)अब मै समझ गया था कि वो कोई आत्मा थी लेकिन वो डरावनी नहीं होने की वजह से मुझे डर नहीं लगा और आत्मा से बात करने की उत्सुकता बढ़ गयी | उस औरत ने कहा मै तुम्हे कोई नुकसान नहीं पंहुचागी | ये कहकर वो अपनी आप बीती मुझे सुनाने लगी | उसने बताया- मेरा नाम इंदुमती है मैं यहाँ के राजा की रानीयों में तीसरी रानी हँू मुझसे दो बडी रानीयाँ औंर एक छोटी रानी हैं। वो दोनो बड़ी रानीयाँ मुझसे ईर्षा, द्वेष-भावना रखती थी क्योंकि मैं उन चारों में अधिक न्यायप्रिय औंर राजा की अधिक चहेती थी एक दिन उन बड़ी रानीयो ने राजा साहब के शिकार पर जाने के बाद मुझे अपने कुछ वफादारों के साथ मिलकर इस कोठरी कैद कर दिया औंर उसी शाम मुझे विष दे दिया गया ।
Airgarh Buhranpurइस सारी घटना को राजा औंर प्रजा से छुपा दिया गया औंर उनके सामने एक झूठी कहानी बता दी गइ्र्र कि बाग में घूमते हुये सांप ने काट लिया जिसके विष से मेरी मौत हो गई।  कुल मिलाकर मुझे षडयंत्र का शिकार बनाया गया अभी मेरी आयु पूरी नहीं हुई थी औंर मै षडयंत्र का शिकार होने के कारण प्रेत योनी में चली गयी औंर मैं यहाँ इस कोठरी में ही रहने लगी आज़ इतने वर्षो के बाद तुम आये औंर तुमने मेरी आवाज़ सुना औंर मुझ पर विश्वास किया उसकी मैं बहुत आभारी हु |
Asirgarhhमेरे तो रौंगटे खड़े हो गये थे फिर उसने मेरा माथा चूमा औंर मुझे आशिष दिया मेरे देखते ही देखते वो सूरज की तरह चमकने लगी औंर एक बहुत तेज प्रकाशवान गोले में तब्दील हो गयी इस सारी घटना के समय उस कोठरी में पूरा प्रकाश छाया हुआ था औंर एक धमाके के साथ किले की सारी कोठरी एक बार खुली औंर बंद हो गयी औंर वो प्रकाश का गोला सबकुछ अपने आप में समेटे हुये उस रोशनदान से बाहर की ओर चला गया। अब उस किले में चारो ओर अंधेरा ही अंधेरा था क्योंकि अब तक सूरज डूब चुका था औंर बाहर हल्का उजाला था अभी पूरी तरह से अंधेरा नहीं हुआ था
Asirgarh spooky Storyथोड़ी देर में मुझे मेरे दोस्तों के चिल्लाने की आवाज़े सुनाई दी | आप ये सुनकर विश्वास नहीं करेंगे कि 20 मिनट तक उस बंद किले में बेहोश था और मेरे दोस्त मुझे ढूंढते हुए यहा पहुचकर मुझे आँखों में मोबाइल के टोर्च की रोशनी से होश में लाये | मैंने दोस्तों को पूछा कि “वो औरत कहा गयी और मै बेहोश कैसे हो गया “| दोस्तों ने कहा कि “यहा तो कोई औरत नहीं थी और तेरा सर शायद सीढियों पर चढ़ते वक़्त छत से टकरा गया होगा , तेरे सर पर चोट का निशान देख “| मेरे तो होश उड़ गये थे कि 20 मिनट तक मेरे साथ जो भी हुआ वो केवल भ्रम था या कोई सपना | जब मैंने मेरे मित्रो को मेरी कहानी सुनाई तो उनको विश्वास नहीं हुआ |


अँधेरा काफी हो चुका था और सहमे हुए हम उस किले से बाहर आये | मित्रो इस तरह मेरा आत्मा से साक्षात्कार हुआ जो मेरा भ्रम था या सच्चाई, मै खुद नहीं जान पाया | आज भी मै उस किले के बारे में सोचता हु तो किले की उस औरत की तस्वीर मेरे सामने आ जाती और उसकी कही आप बीती मेरे कानो में गूंजती है | तो मित्रो अगर आपको मेरी आप बीती पसंद आये तो अपने मित्रो को शेयर करना ना भूले |

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